अयोध्या विवाद का घटनाक्रम
भगवान श्रीराम हिंदुओं के आराध्यदेव हैं। अयोध्या उनकी जन्मभूमि है। अयोध्या का विवाद, रामजन्मभूमि और बाबरी मस्जिद के दावे के बीच घूम रहा है। इस अहम मुद्दे से देश की राजनीति एक लंबे अरसे से प्रभावित हुई है। मामले-मुक़दमे अदालतों में चल रहे हैं।
कोर्ट में पिछले छह दशकों से इस बात का मुकदमा चल रहा है कि राम मंदिर या बाबरी मस्जिद का मालिकाना हक किसका है। वह हिन्दू का है या मुस्लिम समुदाय का है। तमाम दावे पेश किए गए, तमाम जिरह हुई।
अपने दावे के पक्ष में हिंदुओं ने 54 और मुस्लिम पक्ष ने 34 गवाह पेश किए। इनमे धार्मिक विद्वान, इतिहासकार और पुरातत्व जानकार शामिल हैं।
एक ताजुब्ब भी है मुस्लिम पक्ष ने अपने समर्थन में 12 हिंदुओं को भी गवाह के तौर पर पेश किया। दोनों पक्षों ने लगभग 15 हज़ार पेज दस्तावेज़ी सबूत पेश किए। कई पुस्तकें भी अदालत में पेश की गईं।
फैसले की घड़ी अब नजदीक आ गई है। 24 सितम्बर का दिन मुकरर्र हुआ है देश के भाग्य का। कौन जीतेगा, कौन हारेगा। दिल थामे बैठे है हमारे हिन्दू और मुस्लिम भाई।
इस इतिहास की बानगी पर एक नज़र... 24 सितम्बर 2010: मालिकाना हक पर फैसला दिया जाएगा।
जुलाई, 2010: रामजन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद पर सुनवाई पूरी।
मई, 2010: बाबरी विध्वंस के मामले में लालकृष्ण आडवाणी और अन्य नेताओं के ख़िलाफ़ आपराधिक मुक़दमा चलाने को लेकर दायर पुनरीक्षण याचिका हाईकोर्ट में ख़ारिज।
24 नवंबर, 2009: संसद के दोनों सदनों में लिब्रहान आयोग की रपट पेश। अटल बिहारी वाजपेयी और मीडिया को दोषी ठहराया। नरसिंह राव को साफ-साफ बचा लिया।
7 जुलाई, 2009: उत्तरप्रदेश सरकार ने एक हलफ़नामे में स्वीकार किया कि अयोध्या विवाद से जुड़ी 23 महत्वपूर्ण फाइलें सचिवालय से गायब हो गई हैं।
30 जून 2009: प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को 17 वर्षों के बाद लिब्रहान आयोग ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी। इस आयोग का गठन बाबरी मस्जिद ढहाए जाने की जांच के लिए गठित किया गया था।
19 मार्च 2007: राहुल गाँधी ने चुनावी दौरे में कहा कि अगर नेहरू-गांधी परिवार का कोई सदस्य प्रधानमंत्री होता तो बाबरी मस्जिद न गिरी होती।
जुलाई 2006: सरकार ने अयोध्या में विवादित स्थल पर बने अस्थाई राम मंदिर की सुरक्षा के लिए बुलेटप्रूफ़ काँच का घेरा बनाए जाने का प्रस्ताव किया।
28 जुलाई 2005: लालकृष्ण आडवाणी 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में गुरूवार को रायबरेली की अदालत में पेश हुए।अदालत ने लालकृष्ण आडवाणी के खिलाफ आरोप तय किए।
जनवरी 2005: लालकृष्ण आडवाणी को अयोध्या मामले में अदालत में तलब किया गया।
जुलाई 2004: शिव सेना प्रमुख बाल ठाकरे ने सुझाव दिया कि अयोध्या में विवादित स्थल पर मंगल पांडे के नाम पर कोई राष्ट्रीय स्मारक बना दिया जाए।
अप्रैल 2004: आडवाणी ने अयोध्या में अस्थायी राममंदिर में पूजा की और कहा कि मंदिर का निर्माण ज़रूर किया जाएगा।
अगस्त 2003: भाजपा नेता और उप प्रधानमंत्री ने विहिप के इस अनुरोध को ठुकराया कि राम मंदिर बनाने के लिए विशेष विधेयक लाया जाए।
जून 2003: कांची पीठ के शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती ने मामले को सुलझाने के लिए मध्यस्थता की और उम्मीद जताई लेकिन कुछ नहीं हुआ।
मई 2003: 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिराए जाने के मामले में उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी सहित आठ लोगों के ख़िलाफ सीबीआई ने पूरक आरोपपत्र दाखिल किए।
अप्रैल 2003: इलाहाबाद हाइकोर्ट के निर्देश पर पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग ने विवादित स्थल की खुदाई शुरू की, जून महीने तक खुदाई चलने के बाद आई रिपोर्ट में कहा गया है कि उसमें मंदिर से मिलते जुलते अवशेष मिले हैं।
मार्च 2003: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से विवादित स्थल पर पूजापाठ की अनुमति देने का अनुरोध किया जिसे ठुकरा दिया गया।
जनवरी 2003: विवादित राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद परिसर की हकीकत पता लगाने के लिए रेडियो तरंगों का प्रयोग किया गया। पर कोई पक्का निष्कर्ष नहीं निकला।
22 जून, 2002: विश्व हिंदू परिषद ने मंदिर निर्माण के लिए विवादित भूमि के हस्तांतरण की माँग उठाई।
13 मार्च, 2002: सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या पर अपना निर्णय देते हुए कहाकि यथास्थिति बरक़रार रखी जाएगी। शिलापूजन नहीं होगी।
जनवरी 2002: प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अयोध्या विवाद सुलझाने के लिए अयोध्या समिति का गठन की।
2001: राम मंदिर निर्माण जरूर बनाएंगे। विश्व हिंदू परिषद ने इस संकल्प को एक बार फिर दोहराया।
1998: प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में भाजपा ने गठबंधन सरकार बनाई।
1992: 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया गया। इसमें विहिप, भाजपा व शिव सेना के कार्यकर्ता शामिल थे। सांप्रदायिक दंगे हुए। 2000 से अधिक लोग मारे गए।
1990: बाबरी मस्जिद को विहिप ने नुकसान पहुंचाया। तत्कालीन प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ने विवाद सुलझाने के प्रयास किए।
1989: विश्व हिंदू परिषद ने विवादित स्थल के नज़दीक राम मंदिर की नींव रखी।
1986: बाबरी मस्जिद संघर्ष समिति का गठन। फैजाबाद सेशन कोर्ट ने विवादित मस्जिद के दरवाज़े पर से ताला खोलने का आदेश दिया। मुसलमानों ने विरोध किया।
1984: विश्व हिंदू परिषद के नेतृत्व में एक समिति का गठन। जिसका मुख्य उद्देश्य राम जन्मभूमि को मुक्त करना था। बाद में इस अभियान की जिम्मेदारी भाजपा के एक प्रमुख नेता लालकृष्ण आडवाणी पास आ गईं।
1949: दोनों पक्षों ने अदालत में मुकदमा दायर किया। सरकार ने इस स्थल को विवादित घोषित कर दिया और ताला लगा दिया।
1859: इस विवाद को सुलझाने के लिए तत्कालीन शासक ने विवादित जगह को चारों तरफ से घेर दिया। अब मुसलमान विवादित परिसर के भीतर इबादत और हिन्दू बाहर प्रार्थना करने लगे।
1853: यह वह वर्ष था जब अयोध्या में मंदिर-मस्जिद विवाद का मुद्दा बना। और पहली बार इस स्थल के पास सांप्रदायिक दंगे हुए।
1528: हिन्दूओं के आराध्य देवता भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर मस्जिद बनवाई गई। बताया जाता है कि इसे मुग़ल सम्राट बाबर ने बनवाया था।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें